04.3 आचार्य श्री कुंदकुंद स्वामी द्वारा वर्णित ग्यारह महत्त्वपूर्ण स्थान
आचार्य श्री कुंदकुंद स्वामी द्वारा वर्णित ग्यारह महत्त्वपूर्ण स्थान ग्यारह महत्वपूर्ण स्थान (१) आयतन, (२) चैत्यगृह, (३) जिनप्रतिमा, (४) दर्शन, (५) जिनबिंब, (६) जिनमुद्रा, (७) ज्ञान, (८) देव, (९) तीर्थ, (१०) अरहन्त और (११) प्रव्रज्या इन ग्यारह विषयों को बोधप्राभृत में वर्णन किया है। आयतन—जिनमार्ग में जो संयम सहित मुनिरूप है उसे आयतन कहा है…