25. साधु की दिनचर्या
साधु की दिनचर्या संयमी साधु शुद्ध स्वात्मोपलब्धि के प्रधान कारणभूत समाधि की सिद्धि के लिए अहर्निश स्वाध्याय आदि परिकर्म को विधिवत् करें। अर्धरात्रि के अनन्तर दो घड़ी व्यतीत हो जाने पर साधु निद्रा का त्याग करके अपररात्रिकस्वाध्याय-प्रतिष्ठापनक्रियायां पूर्वा श्रुतभक्तिकायोत्सर्गं करोम्यहं’’ नव बार णमोकार मंत्र का जाप्य करके ‘अर्हद्वक्त्रप्रसूतं’ इत्यादि लघुश्रुतभक्ति पढ़े। ‘‘अथ अपररात्रिकस्वाध्यायप्रतिष्ठापनक्रियायां आचार्यभक्तिकायोत्सर्गं…