ढाई द्वीप के बाहर स्थित ज्योतिष्क देवों का वर्णन
ढाई द्वीप के बाहर स्थित ज्योतिष्क देवों का वर्णन मानुषोत्तर पर्वत के बाहर जो असंख्यात द्वीप और समुद्र हैं उनमें न तो मनुष्य उत्पन्न ही होते हैं और न वहाँ जा ही सकते हैं। मानुषोत्तर पर्वत से परे (बाहर) आधा पुष्करद्वीप ८ लाख योजन का है। इस पुष्करार्ध में १२६४ सूर्य एवं इतने ही (१२६४)…