मंगलाचरण
मंगलाचरण सिद्धान्नत्वार्हत: कृत्वा, देवाधिदेववन्दनाम्। सामायिकविधिं वक्ष्ये, जिनागमप्रमाणत:।।१।। कृतिकर्मविधिपूर्वा, नाम्ना या देववन्दना। सामायिकक्रिया सैव, पूर्वाचार्यै: प्रकीर्तिता।।२।। शास्त्रानुसारचर्यां ये, विदधानास्तपोधना:। विचरन्तीह तान् सर्वान्, भक्त्या वन्दामहे सदा।।३।। जैन साधुओं की त्रिकालदेववन्दना ही त्रिकाल सामायिक है। यह देववन्दना कृतिकर्म विधिपूर्वक की जाती है। कृतिकर्म क्या है ? देववन्दना की विधि क्या है ? देववन्दना का समय क्या है ?…