13. उर्ध्वलोक
मङ्गलाचरण (अध्याय १) ऊर्ध्वलोक मध्यलोक के ऊपर ७ राजु ऊँचा ऊध्र्वलोक है। वस्तुत: मध्यलोक की नगण्य ऊँचाई (१ लाख ४० योजन) ऊर्ध्वलोक से ही ली गई है। ऊध्र्वलोक में १६ स्वर्ग (८ जोड़े), ९ ग्रैवेयक, ९ अनुदिश और ५ अनुत्तर विमान हैं तथा सबसे ऊपर सिद्धशिला अवस्थित है। कल्पवासी देव १६ स्वर्गों के नाम- सौधर्म,…