42. लघु सिद्धभक्ति
कृतिकर्म विधि (अध्याय २) लघु सिद्धभक्ति अमृतर्विषणी टीका— यह दैवसिक प्रतिक्रमण से ली गई है। इसमें ‘‘श्रीमते वर्धमानाय’’ श्लोक को यहीं से इस पुस्तक में मंगलाचरण में लिया है। उसका ‘‘अमृतर्विषणी’’ टीका में विस्तृत विवेचन हो चुका है। ‘‘तवसिद्धे’’ पद्य में सिद्धों का संक्षिप्त वर्णन है। तप से सिद्ध में श्रीबाहुबली स्वामी का उदाहरण सर्वोत्तम…