भरत की दीक्षा-केवलज्ञान-मोक्ष
भरत की दीक्षा-केवलज्ञान-मोक्ष अथानन्तर भरत महाराज ने किसी समय उज्ज्वल दर्पण में अपना मुखकमल देखकर परम सुख के स्थान स्वरूप भगवान् ऋषभदेव के पास से आये हुए दूत के समान सफेद बाल देखा।।३९२।। उसे देखकर जिनका सब मोहरस गल गया है, जिन्हें आत्मज्ञान उत्पन्न हुआ है, जो आत्महित को ग्रहण करने के लिए उद्युक्त हैं…