प्रभु की जैनेश्वरी दीक्षा
प्रभु की जैनेश्वरी दीक्षा किसी समय भगवान विरक्तमना हुए। सभी पुत्रों को यथायोग्य देशों का राज्य देकर तथा अयोध्या का राज्य भरत को देकर राज्याभिषेक कर दिया। पुन: लौकांतिक देवों ने आकर उनकी स्तुति की। भगवान ने जहाँ दीक्षा ली उसका नाम ‘प्रयाग’ हो गया।‘प्रकृष्टो वा कृतस्त्याग: प्रयागस्तेन कीर्तित:’ जहाँ प्रभु ने प्रकृष्ट त्याग करके…