नवदेवता स्तुति
नवदेवता स्तुति (चाल-हे दीनबन्धु श्रीपति……) जय जय श्री अरिहंत देवदेव हमारे। जय घातिया को घात सकलजंतु उबारे।। जय जय प्रसिद्ध सिद्ध की मैं वंदना करूँ। जय अष्ट कर्ममुक्त की मैं वंदना करूँ।।१।। आचार्य देव गुण छत्तीस धार रहे हैं। दीक्षादि दे असंख्य भव्य तार रहे हैं।। जैवंत उपाध्याय गुरु ज्ञान के धनी। सन्मार्ग के उपदेश…