केवलज्ञान लक्ष्मी स्तुति
केवलज्ञान लक्ष्मी स्तुति -दोहा- पूर्णज्ञान लक्ष्मी महा, मुक्ति सहेली सिद्ध। नमूँ नमूँ नित भक्ति से, पाऊँ सौख्य समृद्ध।।१।। चाल-हे दीनबंधु——— जय जय अनंत गुण समूह सौख्य करंता। जय जय श्री अरिहंत घातिकर्म के हंता।। जय जय अनंतदर्श ज्ञानवीर्य सुख भरें। जय जय समवसरण विभूति सर्व निधि धरें।।२।। केवलरमा को सेवतीं संपूर्ण ऋद्धियाँ। उस आगे आगे…