03. तीर्थंकर गुण पूजा
पूजा नं.-2 तीर्थंकर गुण पूजा अथ स्थापना-शंभु छंद प्रभु पंचकल्याणक के स्वामी, तीर्थंकर पद के धारी हैं। श्री ऋषभदेव का समवसरण, इसकी शोभा अति न्यारी है।। यद्यपि जिनवर के गुण अनंत, फिर भी छ्यालिस गुण विख्याते। उनका आह्वानन कर पूजें, वे मेरे सब गुण विकसाते।।१।। ॐ ह्रीं अर्हं षट्चत्वािंरशद्गुणमंडितश्रीऋषभदेव तीर्थंकर! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं।…