गणिनी आर्यिका पूजा
गणिनी आर्यिका पूजा -अथ स्थापना-शंभु छंद- तीर्थंकरों के समवसृति में आर्यिकायें मान्य हैं। ब्राह्मी प्रभृति से चंदना तक सर्व में हि प्रधान हैं।। व्रतशील गुण से मंडिता इंद्रादि से पूज्या इन्हें। आह्वान करके पूजहूँ त्रयरत्न से युक्ता तुम्हें।।१।। ॐ ह्रीं श्रीचतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितब्राह्मीगणिनीप्रमुखसर्वार्यिका-समूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीचतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितब्राह्मीगणिनीप्रमुखसर्वार्यिका-समूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं।…