07. साम्राज्यपरमपदप्रदायक श्री शीतलनाथ पूजा
साम्राज्यपरमपदप्रदायक श्री शीतलनाथ पूजा -अथ स्थापना (शंभुछंद)- हे शीतल तीर्थंकर भगवन्! त्रिभुवन में शीतलता कीजे। मानस शारीरिक आगंतुक, त्रय ताप दूर कर सुख दीजे।। चारण ऋद्धीधारी ऋषिगण, निज हृदय कमल में ध्याते हैं। साम्राज्य परमपद स्वामी का आह्वान कर हर्षाते हैं।।१।। ॐ ह्रीं अर्हं साम्राज्यपरमस्थानप्रदायक! श्रीशीतलनाथतीर्थंकर! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं अर्हं साम्राज्यपरमस्थानप्रदायक!…