15. पुष्करार्धद्वीप इष्वाकार जिनमंदिर पूजा
(पूजा नं. 13) पुष्करार्धद्वीप इष्वाकार जिनमंदिर पूजा अथ स्थापना (नरेन्द छंद) पुष्करार्ध में दक्षिण-उत्तर, इष्वाकार गिरी हैं। कनकवर्णमय शाश्वत अनुपम, धारें अतुलसिरी हैं।। इन दोनों पे दो जिनमंदिर, पूजत पाप पलानो। आह्वानन कर जिनप्रतिमा का, विधिवत् पूजन ठानो।।१।। ॐ ह्रीं पुष्करार्धद्वीपस्थदक्षिणोत्तरसम्बन्धिइष्वाकारपर्वतसिद्धकूट- जिनालयस्थजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं पुष्करार्धद्वीपस्थदक्षिणोत्तरसम्बन्धिइष्वाकारपर्वतसिद्धकूट- जिनालयस्थजिनबिम्बसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ:…