Suutaka सूतक Impurity caused due to the birth or death of one लोक व्यवहार में जन्म मरण के निमित्त से हुई अषुद्धि को सूतक कहते है। सूतक काल में देव पूजा, आहार दान आदि कार्य नही किया जाता ।
Suuclyamngula सूच्यंगुल A large quantity as a unit of area measurement. क्षेत्रप्रमाण का एक भेद । अद्धापल्य के अर्द्धच्छेदों का विरलन कर प्रत्येक एक के ऊपर अद्धापल्य रखकर परस्पर गुणा करने से जो राषि उत्पन्न हो उसे सूच्यंगुल कहते है।
Suuchikarma सूचीकर्म Outlining of something or needlework अनुयोग की निरूक्ति के 5 दृष्टांतो मे एक दृष्टांत । लकडी से किसी वस्तु को तैयार करने के लिये पहिले लकडी के निरूपयोगी भाग को निकालने के लिये उसके ऊपर एक रेखा में जो डोरा डाला जाता है, वह सूचीकर्म है।
Suuchi सूची Width. Diameter or dadius pertaining to island or ocean. व्यास या बाण, किसी द्वीप या समुद्र की परिधि (गोलाई) के एक तट से दूसरे तट की चैडाई को सूची कहते है।
Suuksma Bhaasaa सूक्ष्म भाषा Internal speech (inner voice). शब्द द्वैतवादी द्वारा मानी गई 4 प्रकार की वाणी में एक भेद । क्षयोपषम से प्रगटी आत्मा की अक्षर को ग्रहण करने की तथा कहने की शक्ति रूप लब्धि । जैन मतानुसार इसे लब्धि रूप भाव वचन स्वीकारा गया है।
Suuksma Sthuula Skamndha सूक्ष्म स्थूल स्कंध Invisible perceptible matters. स्कंधों के 6 भेदों में चैथा भेद । जो आंखों से दिखाई नहीं देते किन्तु शेष 4 इन्द्रियों से ग्रहण किये जाते है ऐसे स्कंधों को सूक्ष्म स्थूल स्कंध कहते है। जैसे - वायु, शब्द, गंध आदि ।
Suuksma Skamndha सूक्ष्म स्कंध A type of aggregate of Karmic molecules. स्कंधों के 6 भेदों में एक भेद, कर्म वर्गणा के योग्य स्कंध को सूक्ष्म स्कंध कहते है।
Suuksma Suuksma Skamndha सूक्ष्म-सूक्ष्म स्कंध Aggregate of two particles of a matter. पुदगल के मात्र दो परमाणु रूप स्कंध को सूक्ष्म-सूक्ष्म स्कंध कहते है।
Suuksmasaamparaaya Samnyama सूक्ष्मसाम्पराय संयत Restraints with minute greediness. मोहकर्म का उपषमन या क्षपण करते हुए सूक्ष्म लोभ का वेदन करना सूक्ष्मसांपराय संयम हैं। और धारक महामुनि सूक्ष्मसांपराय संयत कहलाते है।
Suuksmasaamparaaya Suddhi Samnyata सूक्ष्मसाम्पराय शुद्धि संयत One with minute passions (towards purity). मोहकर्म का उपषमन या क्षपण करने वाले जिस साधु के मात्र संज्वलन लोभ रूप सूक्ष्म कषाय शेष रह जाती है । वह सूक्ष्म कषाय शेष रह जाती है वह सूक्ष्म सांपराय संयत कहलाता है।