श्री गौतम स्वामी परिचय!
श्री गौतम स्वामी परिचय णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं।। अर्थकर्ता भगवान महावीर भावतोऽर्थकर्ता निरूप्यते-ज्ञानावरणादि-निश्चय-व्यवहारापाया-तिशयजातानन्तज्ञान-दर्शन-सुख-वीर्य-क्षायिक-सम्यक्त्व-दान-लाभ-भोगोपभोग-निश्चय-व्यवहार-प्राप्त्यतिशयभूत-नव-केवल-लब्धि-परिणत:। एवंविधो महावीरोऽर्थकर्ता। अब भाव की अपेक्षा अर्थकर्ता का निरूपण करते हैं- ज्ञानावरणादि घातिया कर्मों के निश्चय-व्यवहाररूप विनाश कारणों की विशेषता से उत्पन्न हुए अनन्तज्ञान, दर्शन, सुख और वीर्य तथा क्षायिक-सम्यक्त्व, दान, लाभ, भोग और…