प्रेम का स्वरूप
प्रेम का स्वरूप प्रेम ईश्वर का स्वरूप है। यद्यपि समाज में इसके विविध रूप हैं, पर अपने सभी रूपों में यह आंतरिक ही होता है। बाह्य आकर्षण कभी प्रेम नहीं हो सकता। पति-पत्नी के बीच होने वाला निश्छल एवं निष्कपट प्रेम सदा सच्चे दांपत्य सुख को जन्म देता है, जो पूरे परिवार का मंगल करता…