आज के मानव में कलियुग का रूप दिखाई देता है : काव्य रूपक
				आज के मानव में कलियुग का रूप दिखाई देता है : काव्य रूपक         तर्ज-एक था बुल और एक थी बुलबुल़........................ आज के मानव में कलियुग का, रूप दिखाई देता है। राम की धरती पर रावण का, रूप दिखाई देता है।।आज के.।। कहते हैं माँ की ममता, बच्चे पर सदा बरसती है।...			
		 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			