ये तो जिनवर का दरबार है!
ये तो जिनवर का दरबार तर्ज—जिंदगी प्यार का गीत है…… ये तो जिनवर का दरबार है, यहाँ भक्ती ही करना पड़ेगा। प्रभु के पद में ही शिवद्वार है, उस पे क्रम से ही चलना पड़ेगा।। देवपूजा गुरूपास्ति कर, फिर है स्वाध्याय संयम व तप। दान ये मिजलके षट्कार्य हैं, इन्हें श्रावक को करना…