सभी मिल बोलो जय जय, जैन सन्तो की जय जय!
सभी मिल बोलो तर्ज-जपूँ मैं जिनवर जिनवर…….. सभी मिल बोलो जय जय, जैन सन्तो की जय जय। मुक्तिमार्ग के ये ही पथिक हैं सच्चे, मुनिवर सच्चे, गुरुवर सच्चे।। सभी मिल बोलो जय जय..।।टेक.।। वीरसिन्धु आचार्य प्रवर थे, रत्नपारखी वे गुरुवर थे। शिष्यरत्न बनते थे तभी तो उनके, मुनिवर सच्चे, गुरुवर सच्चे।। सभी मिल…