मैं समयसार को निज आतम में ध्याऊँगा!
मैं समयसार को मैं समयसार को निज आतम में ध्याऊँगा, बन अन्तरात्म शुद्धात्म भावना भाऊँगा। ये क्या है ? परमागम है, आध्यात्मिकता का साधन है। यह कुन्दकुन्द का कुन्दन है, जिससे होता मन पावन है।। ये क्या है……।। टेक.।। प्रभु कुन्दकुन्द ने समयसार को समझाया, आत्मा का सहज स्वरूप ग्रन्थ में दरशाया। ये क्या है ?…