जन्म मानव का पाया है जो!
जन्म मानव का पाया है जो तर्ज—जिंदगी प्यार का गीत है……………….. जन्म मानव का पाया है जो, उसे सार्थक तो करना पड़ेगा। वंश उत्तम ये पाया है जो, मूल्यांकन तो करना पड़ेगा।।टेक.।। कई जन्मों का पुण्य खिला, जिससे जिनधर्म उत्तम मिला। गुरु का उपदेश ऐसा मिला, ज्ञान का दीप मन में जला।।…