ठोकरों से सीखा सबक!
महानता ( साभार- दैनिक जागरण )
सत्य अणुव्रत की कहानी सत्याणुव्रत-स्वयं स्थूल झूठ न बोले, न दूसरों से बुलवाये और ऐसा सच भी नहीं बोले कि जिससे धर्म आदि पर संकट आ जावे, सो सत्याणुव्रत है। जिनदेव और धनदेव दो व्यापारियों ने यह निर्णय किया कि परदेश में धन कमाकर पुन: आधा-आधा बांट लेंगे। बाद में अधिक धन देखकर जिनदेव झूठ…
जीवंधर कुमार की कहानी जीवंधर कुमार ने मरते हुए कुत्ते को णमोकार मंत्र सुनाया।जिसके प्रभाव से कुत्ता मरकर देव गती में सुदर्शन यक्षेन्द्र हो गया। उसने वापस आकर जीवंधर कुमार को नमस्कार किया और स्तुति की। एसो पंच णमोयारो , सव्वपावप्पणासणो। मंगलाणं च सव्वेसिं , पढमं हवइ मंगलं। अर्थ- ये पंच नमस्कार मंत्र सब पापों…
औषधिदान का महत्व जया—क्यों बहन विजया! अब तो तुम ठीक हो न, कैसा स्वास्थ्य है तुम्हारा ? विजया—क्या बताऊं…न जाने मैंने इस जन्म में किसी को सताया हो फिर भी भगवान पता नहीं क्यों मुझे ऐसा कठोर दण्ड दे रहा है ? जया—नहीं, नहीं! ऐसा मत कहो विजया, भगवान कभी किसी को दण्ड नही देवा…
भाग्य का चमत्कार शशिप्रभा–बहन कनक! अन्य ही कोई श्रम करे और उसका लाभ अन्य ही किसी को हो जावे, आज मैंने ऐसी घटना देखी है, जिससे मुझे बड़ा ही आश्चर्य हो रहा है। यह कर्म सिद्धान्त क्या है? कनकलता-बहन सुनो, मैं एक ऐतिहासिक घटना सुनाती हूँ, पुन: कर्मसिद्धान्त को बताऊँगी। अलंकारपुर का स्वामी खरदूषण था,…
णमोकार मन्त्र का महत्त्व णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं।णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।। नरेश – मित्र! मैंने सुना है कि णमोकार मन्त्र के प्रभाव से कुत्ता देव हो गया, सो कैसे? सुरेश –हाँ बन्धु! क्या तुम्हारी माँ ने कभी तुम्हें णमोकार मन्त्र का महत्त्व नहीं सुनाया? सुनो, मैं सुनाता हूँ। नरेश – मित्र! मैं…
णमोकार मन्त्र का प्रभाव सुरेन्द्र- भइया योगेन्द्र! आज मैंने मुनि महाराज के उपदेशों में सुना कि बन्दर भी णमोकार मन्त्र के प्रभाव से संसार समुद्र से तिर गया है तो मनुष्यों की तो बात ही क्या? सो भइया बन्दर की क्या कहानी है, मुझे सुना दो। योगेन्द्र- हाँ, हाँ, सुनो मैं तुम्हें सुनाता हूँ। किसी…
शक्ति है तो सब कुछ तुम्हारा है बालक चंद्रगुप्त खेल रहे थे। उसी समय चाण्क्य नाम के ब्राह्मण वहां आए। चाणक्य ने देखा कि खेल में बच्चों का दरबार लगा हुआ है। उनमें एक तेजस्वी बालक राजा बना हुआ है। सामने एक बालक अपराधी के रूप में खड़ा है। राजा बना बालक न्याय कर रहा…
समवसरण का विवेचन कमल –गुरूजी! भगवान महावीर को केवलज्ञान कब और कहाँ उत्पन्न हुआ था? गुरूजी –भगवान महावीर दीक्षा के अनन्तर मौनपूर्वक छद्मस्थ अवस्था के बारह वर्ष बिताकर जृंभिका ग्राम के बाहर मनोहर वन के मध्य में ऋजुवूâला नदी के किनारे महारत्न शिला पर शालवृक्ष के नीचे बेला का नियम लेकर ध्यान में लीन हो…