रूपकुण्डली
रूपकुण्डली (काव्य अट्ठाईस से सम्बन्धित कथा) यौवन का झोंका कभी-कभी स्वयं को बहा ले जाता है।विरले ही व्यक्ति इसमें प्रवेश करके सकुशल लौट पाते हैं।यौवन के मद में उन्मत्त होकर हस्ती अपनी हस्ती बतलाने के ध्येय से उल्टी मंजिल की ओर दौड़ लगाता है। यौवन के मद में मदहोश पुष्प-वृन्द जब खिलखिलाकर हँसते हैं, तो…