देवागम स्तोत्र!
देवागम स्तोत्र A religious hymn written by Acharya Samant- bhadra. आचार्य समन्तभद्र द्वारा रचित एक स्तोत्र । अपरनाम-आप्तमीमांसा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवागम स्तोत्र A religious hymn written by Acharya Samant- bhadra. आचार्य समन्तभद्र द्वारा रचित एक स्तोत्र । अपरनाम-आप्तमीमांसा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उत्कलिका Present city – Belgaon & Dharvad. भीमरथ और कृष्णमेरण(कृष्णा) नदी के बीच का प्रदेश जो अब बेलगाँव व धारवाड़ कहलाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संबंध – Sanbandha. Alliance, Relation, Connection. संयोग, मिलाप, साहचर्य ” जहां पर अभेद प्रधान और भेद गौण होता है वहां पर संबंध समझना चाहिए “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रिति – Shriti. Dependence, support, approach, Multiplicative increase in virtues. अवलम्ब, सहारा, पहुंच ” सम्यग्दर्शन आदि शुद्ध गुणों की गुणित रूप उत्तरोत्तर उन्नत अवस्था को प्राप्त कर लेना यह भाव श्रिति है, एवं सोपान पंक्तिक्रम से चढना यह द्रव्य श्रिति है ” भक्त प्रत्याख्यान सल्लेखना विधि के 40 अधिकारों में 9वां अधिकार, शुभ परिणामो…
उच्चाटन Driving away (by magical mean), Alienating, Estranging. एक प्रकार का जादू टोना जादू मंत्र चलाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्वेग Anxiety, Restlessness. इष्ट के वियोग में विह्वल भाव या घबराहट का भाव होना अर्थात् चिन्ता खेद विसमय आदि का होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आलोचना शुद्धि Modification by criticism. आलोचना करके अपने दोष को मिटाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संप्रति – Sanprati. Present time, Another name of king Chandragupt-II. वर्तमान, मगधराज अशोक का पौत्र, अपरनाम चन्द्रगुप्त द्वितीय ” समय – ई.पू. 220-211 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शोक (कर्मप्रकृति) – Shoka(Karmaprakriti). Karmic nature causing griefor sorrow. नोकषाय के 9 भेड़ों में एक भेद; जिसके उदय से शोक भाव होता है “