मुखमाण्ड!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखमाण्ड–Mukhmaand. Rein used to ontrol the horses. घोड़ो की लगाम, इसेघोड़ो के मुख में रखकर उन्हें नियंत्रण में रखा जाता है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखमाण्ड–Mukhmaand. Rein used to ontrol the horses. घोड़ो की लगाम, इसेघोड़ो के मुख में रखकर उन्हें नियंत्रण में रखा जाता है”
गारूडी विद्या Knowledge which removes the venomous effect by incantation. सर्प के विष को दूर करने वाली विद्या।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यभिज्ञान- pratyabhijnana Recognition वह यही है इस प्रकार के स्मरण को प्रत्यभिज्ञान कहते है।
द्रव्य मन Objecive mind. जो हृदय स्थान में आठ पँखुडी के कमल के आकार वाला है, तथा अंगोंपांग नाम कर्म के उदय से मनोवर्गणा के स्कन्ध से जो उत्पन्न हुआ है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतीकार- pratikara Retaliation, retribution, revenge, counter action. प्रतिरोध या विरोध करना।
द्रव्य निर्विचिकित्सा Not to hate the dirty-bodied Jain saints. दिगम्बर जैन साधुओं के मलिन शरीर को देखकर ग्लानि न करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्राण – Bhava Prana. Psychical vitalities. सम्यग्दर्शन, ज्ञान व चारित को भाव प्राण कहा है ” अथवा आत्मा की जिस शक्ति से इंद्रिय आदि अपने कार्य में प्रवर्तन करें “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान अप्रमत्त – Svasthaana Apramatta. The first phase of the 7th spiritual stage of development-unstable stage of meditation. सतवे गुणस्थान के दो भेदो मे प्रथम भेद। जब तक चारित्रमोहनीय की 21 प्रकृतियो के उपषमन तथा क्षपण के कार्य का प्रारम्भ नही होता, किन्तु संज्वलन के मंदोदय के कारण प्रमाद भी नही होता, केवल सामान्य…
द्रव्य कर्म Gyanavaran etc. 8 Karmas are called Dravya Karma. ज्ञानावरण आदि आठों कर्मों को द्रव्य कर्म कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]