उदीरणा व्युच्छित्ति!
उदीरणा व्युच्छित्ति Lack of fruition of karmas. जिन कर्मों की उदीरणा किसी गुणस्थान तक हो आग न हो उदीरणा का अभाव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उदीरणा व्युच्छित्ति Lack of fruition of karmas. जिन कर्मों की उदीरणा किसी गुणस्थान तक हो आग न हो उदीरणा का अभाव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वस्तुविद्या – Vastuvidyaa.: Name of a treatise written y Acharya Vasunandi. आचार्य वसुनंदि कृत एक ग्रन्थ “समय –ई .श.11 “
उष्मगर्भकूट Less eating of diet, Small fasting . मानुषोत्तर पर्वत का एक कूट।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपाचल – विजयार्द्ध पर्वत। Rupacala-Another name of Vijayardh Mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुंधरा – Vasundharaa Another name of earth , Name of a female divinity of Ruchak mountain. पृथिवी का अपरनाम ,रुचक पर्वत की एक दिक्कुमारी देवी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वलीक – Valiik.: One of the omniscients in the assembly of Lord Mahaveera. भगवान् वीर के तीर्थ के 10 अंतकृत केवली में एक “
आरोहक-अवरोहक Ascender & descender. चढ़ने-उतरने वाला उपशम श्रेणी पर चढ़ने वाले को आरोहक तथा उतरने वाले को अवरोहक कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्द्धमान – Varddhamaana. : Another name of Lord Mahaveera given by Indras, Name of a summit in the north of Ruchakvar mountain. कीर्ति तथा गुणों से वृद्धिंगत होने के कारण इंद्र द्वारा प्रदत्त भगवान महावीर का अपरनाम ,रुचकपर्वत की उत्तर दिशा का एक कूट “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भागाहार संक्रमण – Bhagahara Samkramana. Transitional change in omen Karmas of beings. जिनके द्वारा संसारी जीवों के शुभ – अशुभ कर्म परिणामों के निमित्त पाकर बदल जाये – अन्य प्रक्रति रूप हो जावे, इसके ५ भेद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रागांश – Ragamsa Partial Attachment राग का अंश मात्र \ यह भी कर्म बंध का कारण है ” यह दशवे गुढ़इस्थान तक होता है