उपशमकाल!
उपशमकाल Period of upasham. वेदक योग्य काल के ऊपर से सत्तारूप स्थिति जहाँ घटे वहाँ उपशम योग्य काल है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशमकाल Period of upasham. वेदक योग्य काल के ऊपर से सत्तारूप स्थिति जहाँ घटे वहाँ उपशम योग्य काल है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्थान गोपुच्छा :Particular decreasing sequence of Krishti.निचली विवक्षित संग्रह कृष्टि की अन्त कृष्टि के ऊपर की अन्य संग्रहकृष्टि का विषेष घटता क्रम ।
उपविष्टोपविष्ट A type of meditative relaxation (with thoughts of pain, trouble & cruelty etc.). कायोत्सर्ग का एक भेद बैठे हुए आर्त्त रौद्र ध्यानों का चिन्तवन करना। अपरनाम उपविष्ट निविष्ट।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर सामान्य:A type of universal entities. सामान्य का एक भेद, इसे सत्ता, भाव और महासामान्य भी कहते है।
उपरितन कृष्टि A type of krishti (gradual destruction of passions). चरम द्विचरम आदि कृष्टियों को उपरितन कृष्टि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरण – Sharana. Shelter, Refuge, Protection. सहारा, आश्रय, रक्षा ” शरण के दो भेद हैं-लौकिक अर्थात् राजा आदि की शरण एवं लोकोत्तर अर्थात् 5 परमेष्ठी या धर्म की शरण “
उपपादयोग स्थान The place of soul before incarnation . योगों का स्थान अर्थात् आत्मा के प्रदेशों का सकंप जो नवीन शरीर धारण करने के पहले समय में होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परवर्ती:Successive, Subsequent.क्रम, वंश अथवा शाखा में होने वाले आचार्य आदि ।