ऊर्ध्वलोक!
ऊर्ध्वलोक Upper world, Celestial world. लोक के तीन भेदों में एक भेद जहाँ स्वर्गो की रचना है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऊर्ध्वलोक Upper world, Celestial world. लोक के तीन भेदों में एक भेद जहाँ स्वर्गो की रचना है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशाखदत्त – Vishakhadatta. The first Achary possessing knowledge of 11 Angas & 10 purvas (parts of shrutgyan-scriptural knowledge). ११ अंग १० पूर्व के ज्ञाता ११ मुनियों में प्रथम आचार्य ” अपरनाम विशाखाचार्य “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हैमवत् क्षेत्र – Haimavat Ksetra Name of the 2nd great region in all 7 regions of Jambudvip (island). जम्बूद्वीप के 7 क्षेत्रों मे दूसरा क्षेत्र। यहाॅ जधन्य भोगभूमि है।
एक अनंत Unidirectional finite (like sea). एक दिशा में देखने पर उसका अंत नहीं पाया जाता इसलिये उसको एकानंत कहते हैं- जैसे अथाह समुद्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आतपत्र A parasol – one of the 14 jewles of a Chakravarti (emperor). चक्रवर्ती के 14 रत्नों में एक रत्न-छत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हुंडकसंस्थान नामकर्त प्रकृति – Humdakasamsthaana. Naamakarma Prakrti. Physique making karma causing formation of misshapened body. जिस कर्म के उदय से जीव का शरीर बेडौल होता है उसे हुंडक शरीर संस्थान नामकर्म कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघिमा ऋद्धि – विक्रिया ऋशि का एक भेद, जिस ऋशि के प्रभाव से साधु अपने षरीर को वायु से भी हल्का बनाने मे समर्थ थे। Laghima Rdhhi-A type of super natural power pertaining to turning body lighter than air
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिंसा यज्ञ – Himmsaa Yaggay violenceful sacrificial rite. पशु या मनुष्यों की जिसमे आहुति दी जाये ऐसा हिंसक यज्ञ। तीर्थकर मुनिसुव्रतनाथ के तीर्थ मे सगर राजा से द्वेष रखने वाला एक महाकाल नाम का एक असुर हुआ था, उस अद्वानी ने इस हिंसायज्ञ का उपदेष दिया था।