आरंभ!
आरंभ Beginning, Tendency to cause pain to others. कार्य करने लगना, पापास्रव के 108 कारणों में से एक भेद प्राणियों को दुःख पहुँचाने वाली प्रवृत्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आरंभ Beginning, Tendency to cause pain to others. कार्य करने लगना, पापास्रव के 108 कारणों में से एक भेद प्राणियों को दुःख पहुँचाने वाली प्रवृत्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पक्वाशय: An inner organ of body, abdomen or belly औदारिक शरीर का एक अंग, आमाष और पक्वाषय में 16 आंते रहती है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूक दोष–Muuk Dosh. A fault committed while paying reverence to Lord. वंदना के 32 दोषों में एक दोष; मन–मन में पढना ताकि दूसरा न सुने अतवा अथवा वंदना करते करते बीच–बीच में इशारे करना”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बिंबसार – Bimbasara Another name of Magadharaj Shrenik, who will be the first Tirthankar (Jaina-Lord) of future time. मगधराज श्रेणिक का अपर नाम ” समय ई.पू.६०४-५५२ ” ये भगवान महावीर के समवसरण में प्रमुख श्रोता थे ,जिनके द्वारा ६०,००० प्रशन पूछे गये ” ये भविष्यकाल के प्रथम तीर्थकर ‘महापध्ह्य’ होंगे “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशमभाव-पंचेन्द्रियों के विषयों में शिथिल मन का होना ही प्रशम भाव कहलाता है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकीर्णक देव – Prakirnaka Deva. A type of deites (as common citizens). देवों के दश भेदों में से एक; जो देव प्रजा के समान होते हैं “
आशातना Destroying of disrespectful conduct. कुचारित्र का क्षपण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्माल्य द्रव्य – Nirmaalya Dravya. The worshipping articales made offered to the Lord. जो अष्टद्रव्य सामग्री मंत्र बोलकर जिनेन्द्रादि की पूजा में चढ़ा दी जाये “
त्रिगुणसार व्रत A country of Bharat kshetra in middle Arya Khand (region). क्रमशः 1,1,2,3,4,5,4,4,3,2,1 इस प्रकार 30 उपवास करना व णमोकार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदुर – Vidura. The younger brother of Dhritrashtra- Pandu of kaurav dynasty. कौरववंशी धृतराष्ट्र – पाण्ङू का छोटा भाई ” पाण्ङवों के परम हितैषी, अंत में मुनि विश्वकीर्ति से मुनि दिक्षा ली ” लाक्षा ग्रह में विदुर द्वारा बनवाई गई सुरंग से ही निकलकर पाण्ङवों की प्राण रक्षा हुई “