जिनायतन!
जिनायतन The Jain temples (natural & man made). जिनमंदिर-यह अकृत्रिम-कृत्रिम के भेद से दो प्रकार के होते हैं। ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जिनायतन The Jain temples (natural & man made). जिनमंदिर-यह अकृत्रिम-कृत्रिम के भेद से दो प्रकार के होते हैं। ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वद्रव्य रति – Svadravya Rati. Devotion in one-self.आत्मद्रव्य मे प्रेम य तल्लीनता होना (स्वद्रव्य रति ही सुगति का कारण है)।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रबाहुचरित – Bhadrabahucarita. A book written by Acharya Ratnakirti. आचार्य रत्नकीर्ति (ई. १५१५) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
जयबाहु Name of an Acharya possessing knowledge of some Angas (scriptural knowledge). आचारांगधारी ४ मुनियों में तीसरे मुनि , अपरनाम यशोबाहु ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वच्छंद वृत्ति – Svacchammda Vrtti. Restraintless conduct.स्वेच्छानुसार आचरण करना।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखधन – Mukhdhan. Something principal. आदि स्थान में जो प्रमाण या संख्या है वह मुखधन कहलाती है”
जयभद्र Name of a great Acharya saint. आचारांगधारी ४ मुनियों में दूसरे मुनि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्वादवदन विदारण – Syaadvaadavadana Vidaarana. Name of a treatise written by Acharya Shubhchandra.आचार्य शुभचन्द्र (ई0 1516-1556) द्वारा रचित न्याय विषयक ग्रंन्थ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कर वेदांत – Bhaskara Vedanta. A particular philosophy (“Everyone gets en- grossed into Brahma after death”). द्वैताद्वैत; संसार में जीव अनेक हैं किन्तु मुक्त होने पर सब ब्रम्ह में लीन हो जाते हैं ऐसा मानना “
जन्मेजय A king of Kuru dynasty. कुरुवंशी राजा परीक्षित का पुत्र और शतानीक का पिता (ई.पू. १४५०-१४२०)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]