लतावक्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लतावक्र – कायोत्सर्ग का एक अतिचार लता की भांति इधर उधर हिलना। Laatvakra-An infraction of meditative relaxation (Shaking of the body)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लतावक्र – कायोत्सर्ग का एक अतिचार लता की भांति इधर उधर हिलना। Laatvakra-An infraction of meditative relaxation (Shaking of the body)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रज्जू – लोक को मापने का एक प्रमाण विषेश जगत्श्रेणी का सातवां भाग रज्जू कहलाता है। समस्त लोक की उचाई 14 रज्जू है। Rajju-A measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मणा – राजा महासेन की रानी जो कि तीर्थकर चद्रप्रभ की माता थी। Laksmana-Mother’s name of lord Chandraphrabh
तृष्णा – वशीकरण Overpowering on all hopes and desires. स्वयं आशाओं का दास न बनते हुए आशाओं को अपना दासी बना लेना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तूष्णीक Devil; a type of peripatetic deities. पिशाच जातीय व्यंतर देवों का एक भेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धि – प्राप्ति सम्यक्त प्राप्ति की पूर्व सामग्री, क्षयोपषन विषुद्धि प्रायोग्य देषना करण 5 लब्धिया जीव मे संयम या संयमासंयम आदि को धारण करने की योग्यताएं। अंतराय के क्षयोपषन से प्राप्त षक्ति दान लाभ भोग उपभोग वीर्य क्षायिक आदि 9 लब्धियां। Labdhi-Attainment, Different types of gain for getting salvation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदन – Shreenandana. The father of Saptrishi (particularly 7 saints). श्रीमन्यु आदि सप्तऋषियों के पिता ” प्रीतिंकर मुनि के केवलज्ञान के समय एक मास के पौत्र को राज्य देकर सातों पुत्रों सहित दीक्षा ग्रहण की, अंत में मुक्ति प्राप्त की “
एकपादतप An austerity, standing on a leg. एक पैर पर खड़ा होना (अयनादि कायक्लेश का भेद)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगीन्द्रसागर – आचार्य समन्तिसागर महाराज अंकलीकर के एक प्रसिद्ध षिश्य बालाचार्य। समय ई ष 20 – 21 Yogindrasagara-Name of a saint, The disciple of Acharya shri Sanmatisagar maharaj
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रावणद्वादशी व्रत – Shraavanadwadashi Vrata. A particular type of vow (fasting). 12 वर्ष पर्यंत प्रतिवर्ष भाद्रपद शु. 12 का उपवास तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य “