द्विरद!
द्विरद An elephant; The first of the 16 dreams which was seen by the mother of Tirthankar (Jaina-Lord) at the time of Garbhakalyanak. हाथी तीर्थंकर की माता द्वारा गर्भावस्था में देखें गये 16 स्वप्नों में प्रथम स्वप्न।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्विरद An elephant; The first of the 16 dreams which was seen by the mother of Tirthankar (Jaina-Lord) at the time of Garbhakalyanak. हाथी तीर्थंकर की माता द्वारा गर्भावस्था में देखें गये 16 स्वप्नों में प्रथम स्वप्न।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिपर्व A type of knowledge of medicines. एक औषधी विद्या। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर प्रणाम जीव – Sharera Sranaama Jeeva. Occupancy of soul-points according to the shape of the body. जीव का संकोच विस्तार स्वभाव होने के कारण कर्म के निमित्त से मिले छोटे-बड़े शरीर की अवगाहना का होकर रहना अर्थात् स्वदेहप्रमाण होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर व्यपदेश:A kind of infraction of the vow of hospitality indirect donation.अतिथि संविभाग व्रत का एक अतिचार, दाता पात्र को स्वयं दान न देकर दूसरे से कहकर चला जावे ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरुद्धराज्यातिक्रम – Viruddha Rajyatikrama. The third infraction of the vow of non-stealing (unlawful trade). अचौर्याणुव्रत का तीसरा अतिचार, अपने राज्य की आज्ञा को न मानकर राज्य विरुध्द क्रय- विक्रय करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर वात्सल्य:Affection for others.वात्सल्य का एक भेद, दूसरों के प्रति प्रेम, करूणा का भाव रखना ।
द्वितीय गुणहानि A decreasing series. प्रथम गुणहानि से जहां द्रव्य चय आदि का प्रमाण आधा पाया जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]