जघन्य अंतरात्मा!
जघन्य अंतरात्मा Beings with right faith but not observing vows. तत्त्व श्रद्धा के सात्घ व्रतों को न रखने वाले अविरत सम्यग्दृष्टि जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य अंतरात्मा Beings with right faith but not observing vows. तत्त्व श्रद्धा के सात्घ व्रतों को न रखने वाले अविरत सम्यग्दृष्टि जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्प्रतियोगी knowledge of relative imagination of matters or anything else. यह प्रदेश उस प्रदेश से दूर है इस प्रकार का ज्ञान तत्प्रतियोगी नाम का प्रत्यभिज्ञान कहलाता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्यलब्धि Minimum attainments of spiritual virtues (like restraint etc.). जघन्य क्षयोपशम या संयामादि गुणों की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूसामिचरिउ Name of a book written by poet “Veer”. कविवीर द्वारा ई. सन् १०१९ में रचित ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सविपाक उदय – Savipaaka Udaya. Fruition of Karmas on maturity. काल, भव और क्षेत्र का निमित्त पाकर कर्मो का उदय होता है। वह दा प्रकार का है- सविपाक उदय और विपाक उदय । कर्मो का स्थिति पूर्ण होने पर उदय में आना ।
दश विकार Ten types of lustful sensual desires of human being. काम के वेग चिंता, स्त्री को देखने की इच्छा , दीर्घनिःश्वास, ज्वर, शरीर का दग्ध होना, भोजन न रूचना , मूर्छा की गोचरी आदि वृत्तियों का वर्णन किया गया है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृच्छा विधि – Prccha Vidhi. Method of asking or questioning, Synonym word for Shrutgyan (scriptural knowledge). पूछा गया अर्थ पृच्छा है, और वह जिसमें विहित की जाती है अर्थात् कही जाती है वह पृच्छाविधि कहलाती है, श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
ड्योढ गुणहाहिन A mathematical quantity. गुणहानि आयाम को ड्योड़ा करने पर मिले प्रमाण को ड्योढ गुणहानि कहते है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
छेदविधि A method of repentance for maintaining restraints. प्रमाद द्वारा हुए अनर्थ को दूरं करने के लिए प्रायश्र्चित विधि से क छेदन करके संयम रूप धर्मं में स्थापना करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]