निश्चय अहिंसा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय अहिंसा – Nishchaya Ahinsa. Absolute non-voilence. मुनि अवस्था में प्रमाद व राग आदि का उत्पन्न न होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय अहिंसा – Nishchaya Ahinsa. Absolute non-voilence. मुनि अवस्था में प्रमाद व राग आदि का उत्पन्न न होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भित्तिकर्म – Bhittikarma. Sculpted work, engravement on wall etc. घर की दीवारों में उनसे अभिन्न रची गई प्रतिमाओं का नाम भित्तिकर्म है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शल्य रहित – Shalya Rahita. One without any worries and attachment. व्रती; जो शल्य रहित होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मदेव – Brahmadeva. Name of an Acharya, the writer of Dravya Samgrah Tika, Parmatma prakash Tika etc. द्रव्यसंग्रह एंव परमात्म प्रकाश टीका आदि के कर्ता एक आचार्य “
उदय व्युच्छित्ति Lack of Karmic fruition in future time. उदय का आगे अभाव जिस गुणस्थान में जितनी प्रकृतियों की उदय व्युच्छित्ति हो उनका उदय उसी गुणस्थान तक है आगे नहीं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकालोक व्यापी – Lokaaloka Vyaapi. Supremely pervaded knowledge-omniscience. केवलज्ञान जो समस्त लोकालोक को जानता है अर्थात् सर्वगत है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वेद – Nirveda. Datachment, Aversion from the worldly affairs. सब अभिलाषाओंका त्याग निर्वेद कहलाता है-संसार, शरीर, भोगों से वैराग्य भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूधिर अंतराय – आहार सम्बन्धी एक अंतराय, आहार करते समय साधु को अपनंे अथवा दूसरे के षरीर के रक्त बहता दिख जाना। Rudhira Amtaraya-A type of obstacle (Bleeding) related to saint food
आश्रम Four stages of human life. गुरुकुल एंव बह्मचर्य गृहस्थ वानप्रस्थ और सन्यास ये चार आश्रम कहलाते हैं अथवा जहाँ विशुद्ध ज्ञान व दर्शन की प्रधानता हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]