स्पृहा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पृहा – Sprhaa. Longing, intention, desire.वांछा, इच्छा, कामना, अभिलाषा।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पृहा – Sprhaa. Longing, intention, desire.वांछा, इच्छा, कामना, अभिलाषा।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाद्रवन – सिंह – निष्क्रीडित वृत – Bhadravana-Niskridita Vrata. A vow (fasting) to be performed with particular procedure. एक विशेष विधि एंव क्रम से किया जाने वाला व्रत ” व्रतविधान संग्रह से इसकी विधि देखें “
छक्कमुवष्स Name of a treatise pertaining to mundane activities. गृहस्थ षट्कर्म विषयक एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष नाम कर्म प्रकृति – Sparssana Naama Karma Prakrti. Physique making karmic nature causing sense of touch in the body.उत्पन्न कर्म के उदय से शरीर मे ठंड, गरम आदि स्पर्ष का ज्ञान उत्पन्न होता है उसे स्पर्ष नाम कर्म प्रकृति कहते है। इसके स्निग्ध, रुक्ष, मृदु, कठोर, शीत, उष्ण, हल्का और भारी 8 भेद…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मोत्तर:A Deggajendra mountain situated in Bhadrashal forest, A ruler’Nagendradev; of Rajatprabh Summit of Kundal mountain, A deity resident of Nandyavart summit of Ruckak mountain. भद्रशाल वन में स्थित एक दिग्गजेन्द्र पर्वत, कुण्डल पर्वत स्थित रजतप्रभ कूट का स्वामी नागेन्द्रदेव, रूचक पर्वत के नन्द्यावर्त कूट पर रहने वाला देव ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगीरथ – Bhagiratha. The son of the king Sagar , a chakravarti (em-peror). सगर चक्रवर्ती का पुत्र जिसने अपना पूर्वभव सुनकर दीक्षा ली एंव मोक्ष प्राप्त किया “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पूर्वाभिमुख – Purvabhimukha. See- Purvamukha. देंखें – पूर्वमुख “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भय – Bhaya. Fear, terror. भीती, डर – यह ७ प्रकार का होता है इहलोक, परलोक, अरक्षा, अगुप्ति, मरण, वेदना, आकसिम्क “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बिजबुद्धि ऋद्धि – Bija Buddhi Rddhi. A type of supernatural power pertaining to know – ing the whole Dvadashang by a single Bijapad. ऋद्धि ; जिसके प्रभाव से साधु एक ही बिजपद के आश्रय से सम्पूर्ण द्वादशांग को जानने और विचार करने में समर्थ होते हैं “