एव!
एव Exclusively, Infact. निश्चयरूप से,इसी प्रकार।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपकल्कि Rebellious kings who act against religion. अवसर्पिणी के पंचम काल में प्रत्येक एक हजार वर्ष के बाद एक-एक कल्की तथा 500 वर्ष के बाद एक-एक उपकल्की जन्म लेता है ये धर्मद्रोही राजा होते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहु – Bahu. Name of the 3rdTirthankar situated in videhKshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित तीसरे तीर्थकर का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभूस्तोत्र – Svayammbhuustotra. Name of a famous eulogical composition composed by Acharya Samantbhadra. आचार्य समन्तभद्र (ई0श0 2) कृत संस्कृत छंदबद्व ग्रथ। इसमे 24 तीर्थकरो का स्तवन न्यायपूर्वक अनेकांत की स्थापना करते हुए किया गया है। कुल श्लोक 143 है।
उन्मुख Raising the face, Looking upwards, Name of 9th Narad (a sage) of present era. चेहरा उठाना ऊपर देखना नवम नारद-इनकी आयु कृष्ण के बराबर एक हजार वर्ष की थी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जय परायज : == स वोरिए परायिणति, अवीरिए परायिज्जति। —भगवती सूत्र : १-८ शक्तिशाली (वीर्यवान्) जीतता है और शक्तिहीन (निर्वीर्य) पराजित हो जाता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव पुद््गल – Svabhaava Pudgala. A pure particle of a Pudgal. पुद्गल द्रव्य के दो भेदो मे एक भेद। पुद्गल का एक शुद्व परमाणु स्वभाव पुद्गल और स्कंथ विभाव पुद्गल कहलाते है।
उपकरण बकुश A kind of saints having attachment in their articles. बकुश मुनि का एक भेद जिन साधुओं की आसक्ति पिच्छी कमंडलु शास्त्र आदि उपकरण की शोभा बढ़ाने में होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोहज भाव–Mohaj Bhav. Disposition caused by delusion. मोह से उत्पन्न होने वाले औदयिक भाव”
उपचार विनय Formal respect, Reverential homage. आचार्य आदि के समक्षा आने पर खडे़ हो जाना उनके पीछे-पीछे चलना और नमस्कार आदि करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]