युग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युग – दो कल्पो का एक युग होता है काल एवं क्षेत्र का प्रमाण चिषेशं। Yuga-Measurement unit of time & area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युग – दो कल्पो का एक युग होता है काल एवं क्षेत्र का प्रमाण चिषेशं। Yuga-Measurement unit of time & area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्य लक्षण संबंध – संबंध का एक भेद। धर्म धर्मी में संबंध। Laksya Laksana Sambamdha-A relative factor
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्पराश्रय हेत्वाभास:Mutually dependent hypothetic fallacy.एक प्रकार का हेत्वाभास (मिथ्या हेतु) जो हेतु दूसरे हेतु पर आश्रित हो ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवप्रत्ययिक – Bhavapratyayika. Inherent clairvoyance – a type of clairvoyance (Avadhigyan). अवधिज्ञान के दो भेदों में प्रथम भेद; इसके होने में मुख्य रूप से भव निमित्त होता है , देव – नारकी जीवों को यह ज्ञान जन्म से ही होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघिना ऋद्धि – विक्रिया ऋशि का एक भेद, जिस ऋशि के प्रभाव से साधु अपने षरीर को वायु से भी हल्का बनाने मेे समर्थ थे। Laghima Rdhhi-A type of super natural power pertaining to turning body lighter than air
त्रिपंचाशत Fifty three,a number (53 auspicious activities of householders). त्रेपन, 53 (गर्भान्वय की 53 क्रियाएँ आदि)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिविधान व्रत – तीन वर्श तक हरे भादों माघ व चैत्र मास में कृ अमावस को एकासन 1 से तीन को तेला तथा 4 को एकासन करना एवं षीलव्रत पालते हुए ऊँ हीं महावीराय नम की त्रिकाल जाप करना। Labdhividhana Vrata-A particular type of fasting or vow
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर निर्माण क्रम – Shareera Nirmaana Krama. Sequential development of complete body formation. माता के गर्भ में जीव के अंग-उपांग के सम्पूर्ण विकास का क्रम, यह प्रायः 9 माह में पूर्ण होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विर्यान्तराय कर्म –Viryamtaraya Karma. An obstructive Karma obscuring the vitality of beings of soul. जिस कर्म के उदय से आत्म वीर्य की रुकावट हो या जीव किसी कार्य के प्रति उत्साहित होने की इच्छा होते हुए भी उत्साहित नहीं हो पाता एवं असमर्थता का अनुभव करता हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्ध राषि – प्राप्त की गई राषि। Labdha rasi-Gained amount or quantity of something