एकत्वस्थिति!
एकत्वस्थिति Position of absolute meditation. निज शुद्धात्मा की उपलब्धि या निर्विकल्प सुख की स्थिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकत्वस्थिति Position of absolute meditation. निज शुद्धात्मा की उपलब्धि या निर्विकल्प सुख की स्थिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचांक – Panchanka. A denotation of numberial increase. संख्यात भाग वृद्धि की संज्ञा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव अर्थपर्याय – Vibhava Arthaparyaya. Delusive feelings in one caused due to some other matters (destruction of qualities of one). पर द्रव्य के निमित्त से जो द्रव्य के गुणों में विकार हो ” जैसे, जीव के राग द्वेष “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशैलपुर – Panchashailapura. Another name of Rajgar city, the first preaching place of Lord Mahavira and the birth place of Lord Munisuvwrtnath. राजग्रह (राजगृही) नगर का दूसरा नाम” यहाँ पांच स्थित हैं जिनमें से प्रथम पर्वत विपुलाचल पर भगवान महावीर की प्रथम दिव्यध्वनि खिरी थी” वर्तमान में बिहार प्रदेश के नालंदा जिले में स्थित…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक् छल – Vaakchala.: A kind of deception (wrong opposition of speaker). छल के तीन भेदों में एक भेद; वक्ता के विवक्षित अर्थ की जान-बुझकर उपेक्षा कर अर्थातर की कल्पना करके वक्ता के वचन का निषेध करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमुष्ठी – Panchamushthee. Fist. पांच उंगलियों से बनाई गई मुठ्ठी ” इस शब्द का उपयोग तीर्थंकरोंके केशलोंच संबधी विषय में किया जाता है “
दुश्चित्त Of evil intention or motive, wicked. कुत्सित अभिप्राय अथवा बुरे विचारों वाला। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जिनशासन : == मग्गो मग्गफलं ति य, दुविहं जिनसासणे समक्खादं। —मूलाचार : २०२ जिनशासन (आगम) में सिर्फ दो ही बातें बताई गई हैं—मार्ग और मार्ग का फल। जमल्लीणा जीवा, तरंति संसारसायरमणंतं। तं सव्वजीवसरणं, णंद्दु जिणसासणं सुइरं।। —समणसुत्त : २-१७ अनंत संसार—सागर को पार करने के लिए जीव जिसमें…
उपेक्षा संयम Restraint without attachment .वीतरागमय संयम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]