सापेक्ष नय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापेक्ष नय – Saapeksha Naya. A standpoint related to relativity. सापेक्ष नय वस्तु स्वरूप हैै जो सम्यक है एवं स्व व पर के उपकार के लिये होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापेक्ष नय – Saapeksha Naya. A standpoint related to relativity. सापेक्ष नय वस्तु स्वरूप हैै जो सम्यक है एवं स्व व पर के उपकार के लिये होता है।
ऋजुमनस्कृतार्थज्ञ One having telepathic knowledge related to mental activities. मन के द्वारा किये जाने वाले कार्य को ऋजुमति मनःपर्यय ज्ञान के द्वारा जानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्वितीय स्थिति Second life time. अंतरकरण या अंतर स्थितिके उपरिवर्ती सर्वस्थिति का नाम द्वितीय स्थिति है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधु पूजा – Saadhu poojaa. Worshipping of Jaina saints. श्रावक के षट्कर्तव्यों में गुरूपास्ति नाम का एक कर्तव्य, देव गुरू, यति का पूजारूप धर्मानुराग इत्यादि ।
ऋद्धिप्राप्त आर्य Noble men (saints etc.) possessing supernatural powers. सात या आठ प्रकार की ऋद्धियों को रखने वाले जैन साधु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्वारावती Another name of Dvaraka city. श्री कृष्ण की महानगरी; इसकी रचना देवों ने की थी और द्वीपायन मुनि के क्रोध से यह भस्म हुई थी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ दोहा शतक: See- Paramartha Gita.देखें – परमार्थ गीत
उत्पाद अनुच्छेद Something emphasizing the destructibility of a substance in the state of its existence. द्रव्यार्थिक नय के आधार से जो सद्भाव की अवस्था में ही विनाश कमो स्वीकार करता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि स्थिति बंध – Saadi Sthiti Bandha. Rebinding of particular karmic duration i.e. rebinding of karmas in reference to Sthiti Bandh. विवक्षित कर्म की स्थिति के बंध का अभाव होकर पुनः उसके बंधने को सादि स्थितिबंध कहते हैं।