निश्चय नय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय नय – Nishchaya Naya. Absolute standpoint. जो नय वस्तु के असली स्वभाव या अभेद रूप को ग्रहण करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय नय – Nishchaya Naya. Absolute standpoint. जो नय वस्तु के असली स्वभाव या अभेद रूप को ग्रहण करता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूति – Bhuti. Name of the 24th chief disciple of Lord Rishabhadev. भगवान वृषभदेव के ८४ गणधरों में २४ वें गणधर का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक मंगल –Laukika Mangal All auspicious significant articles-filled pitcher,white mustard,mirror etc. श्वेत सरसों ,भरा हुआ कलश ,वन्दनमाला ,क्षत्र ,दर्पण आदि “
आवृत्तकरण Obscuration (related to Karmic theory). अन्य प्रकृति रूप करके कर्म का नाश करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय अनशन – Nishchaya Anasana. Absolute fasting with conquering the worldly desires. मुनि अवस्था में विषय सुख की अपेक्षा न करते हुए अर्थात् मन व इंद्रियों को जीतते हुए आत्मसुख में ही निवास करना”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकरण – Prakarana. Topic, Section, Part. विषय, प्रसंग, किसी कृति का छोटा भाग “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शलाका पुरुष – Shalaakaa Purush. Particular 63 great personages like Tirthankar (Jaina-Lord), Chakarvarti (emperor) etc. in Jaina realm. तीर्थंकर, चक्रवर्ती आदि प्रसिद्द पुरुषों को शलाका पुरुष कहते है ” प्रत्येक कल्पकाल में ये 63 होते हैं ” 24 तीर्थंकर, 12 चक्रवर्ती, 9 नारायण, 9 प्रतिनारायण, 9 बलभद्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मर्षि – Brahmarsi. Saints having supernatural knowledge (pertain- ing to wisdom and medicines), Another name of Laukantik deities. बुद्धि और औषधि ऋध्दियुक्त साधु ब्रह्मर्षि कहलाते हैं , लौकांतिक देवों को भी ब्रह्मर्षि कहते हैं “
चतुरिन्द्रिय Four – sensed beings. स्पर्शन , रसना , घ्राण , चक्षु ये ४ इन्द्रियाँ जिन जीवों के होती हैं वे चतुरिन्द्रिय जीव हैं . जैसे -मक्खी , मच्छर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोभ दोष –Lobha Dosh A fault related to saint –food talking (showing greed by the saints). यदि साधु लोग प्रगट करके आहार प्राप्त करे तो यह लोभ नाम का दोष है “