दीक्षा काल!
दीक्षा काल Time period of Diksha (initiation or consecration). दीक्षा ग्रहण वाले आचार्य।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दीक्षा काल Time period of Diksha (initiation or consecration). दीक्षा ग्रहण वाले आचार्य।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिक्रमण – Pratikramana. Penitential retreat, Expiatory recitals. प्रमाद के द्वारा किये दोषों का निराकरण करना अर्थात् लगे हुए दोषों की विशुद्धिजिसके द्वारा होती है वह प्रतिक्रमण है “
दिग्गजेंद्र Mountains in Bhadrashal forest in either side of Sumeru mountain in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र में सुमेरू पर्वत के दोनों ओर भद्रशाल वन में सीता व सीतोदा नदी के तट पर स्थित दो-दो पर्वत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पवती स्त्री – Puspavati Stri. Mensturous Woman. मासिक धर्म वाली स्त्री अर्थात् रजस्वला स्त्री. तीन दिन के अशौच काल में महिलाओं को किसी का भी स्पर्श करना वर्जित है, चतुर्थ दिवस स्नान के बाद घर के काम आदि के लिए शुध्द होती हैं लेकिन पूर्ण शुध्दि के पश्चात् ही पूजन- आहारदान का अधिकार होता…
आवास Place of residence or abode. मकान रमणीय तालाब पर्वत और वृक्षादिक के ऊपर स्थित व्यंतर आदिक देवों के निवास स्थान को आवास कहा गया है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पक – Puspaka. Name of the 3rd Indrak & Patal (layer) of Anata Pranar heaven, Name of the forest where Tirthankar (Jaina-Lord) Pushpadantnath got initiation as well as omniscience. आनत प्रणाम स्वर्ग का तृतीय पटल व् इंद्रक, तीर्थंकर पुष्पदंतनाथ के दीक्षा एवं केवलज्ञान वन का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषवेद सिध्द – Purusaveda Siddha. Beings who get salvation through the form of Purushved. पुरुषवेद (द्रव्य एवं भाव) से सिध्द होने वाले जीव “
दर्शनावरण – चतुश्क A quartet (Chakshu, Achakshu, Avadhi & Keval) of conation obscurring Karmic nature. दर्शनावरणीय कर्म प्रकृति का चतुष्क-चक्षु, अचक्षु, अवधि व केवलदर्शनावरण। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरालिपि – Puralipi. Palaeography, ancient writing. पुरानी लिपि जैसे- ब्राह्मी लिपि आदि “