चिन्ह!
चिन्ह Emblem, Sign, Symbol. निशान , संकेत , चाप , प्रतीक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरोवर – Sarovara. A water reservoir, A large tank, pond (one of the 16th dreams of Tirthankar’s mother). हृद, तालाब। तीर्थकर की माता के 16 स्वप्नों मे 10 वां स्वप्न इसका फल है- “होने वाला पुत्र अनेक लक्षणें से शोभित होगा”।
तीर्थ Place of pilgrimage, auspicious means for the path of salvation. जो संसाररूपी सागर से तिराये अर्थात् पार करे उसे तीर्थ कहा गया है , इसका दो प्रकार से वर्णन है। 1. भावतीर्थ- सम्यग्दर्शन , सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र रूप परिणत आत्मा । 2. द्रव्य तीर्थ- तीर्थंकर भगवन्तों की पंचकल्याणक भूमियाँ, अन्य सिद्धक्षेत्र इत्यादि । जैसे –…
चित्तप्रसाद Auspicious observances. शुभोपयोग- दान , पूजा , व्रत , शील आदि शुभ राग तथा चित्तप्रसाद रूप परिणाम, शुभ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चक्रपुरी Name of the capital of Gandha country in Videh (region). अपर विदेह के गंधा नामक देश की राजधानी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पृष्ट – Sprasta. Touched.स्पर्ष किया हुआ, प्राप्यकारी या छूकर-भिड़कर जाना हुआ (चक्षु इन्द्रिय अप्राप्यकारी है, क्योकि वह स्पृष्ट रुप से पदार्थ को ग्रहण नही करती, शेष 4 इन्द्रिय प्राप्यकारी है)।
छत्रपति A poet who wrote many books like Dvadashan-upreksha, Udyamprakash etc. कोका (मथुरा) के एक कवि (वि. १९१६ पौष शुक्ल १) जिन्होंने द्वादशानुप्रेक्षा , उद्यमप्रकाश आदि रचनाएं की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्षनानुयोगद्वार – Sparssananuyodgdvaara. A type of Anuyogdwar (disquisition door) pertaining to the description of past & present of a matter (reg. touching).जो भूतकाल मे स्पर्ष किया है और वर्तमान मे स्पर्ष किया जा रहा है वह स्पर्षन कहलाता है। सत् संख्या और क्षेत्र रुप द्रव्यो के अतीतकाल, विशिष्ट वर्तमान स्पर्ष का स्पर्षनानुयोग वर्णन करता…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्व-पर : == परद्रव्यात् दुर्गति:, स्वद्रव्यात् खलु सुगति: भवति। इति ज्ञात्वा स्वद्रव्ये, कुरुत रिंत विरतिम् इतरस्मिन्।। —समणसुत्त : ५८७ परद्रव्य अर्थात् धन—धान्य, परिवार व देहादि में अनुरक्त होने से दुर्गति होती है और स्वद्रव्य अर्थात् अपनी आत्मा में लीन होने से सुगति होती है। ऐसा जानकर स्वद्रव्य में…