योगपरिकर्म!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगपरिकर्म – मन वचन काय द्वारा आत्म प्रदेषो की चंचलता। Yoga parikarma-Vibration in soul points
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगपरिकर्म – मन वचन काय द्वारा आत्म प्रदेषो की चंचलता। Yoga parikarma-Vibration in soul points
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ भावना – Shubha Bhaavnaa. Meritorious sentiments. धर्म ध्यान के योग्य परिणाम ” या 12 भावना या 10 धर्म आदि का चिंतन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभकर्म – Shubha Karma. Auspicious or virtuous Karmas or activities. पुण्य लाने वाले कार्य, पुण्य फल देने वाले साता वेदनीय आदि कर्म “
चंडवेग Name of a ‘Vibhuti’ dominion of Bharat Chakravarti (emperor) भरत चक्रवर्ती की एक विभूति ‘दण्ड रत्न’ का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरमन्यु Suramanyu. One of the particular seven saints, ‘Saptrishi’ (Sapta Rsi) सप्त ऋषियो में एक । (देखे सप्तऋषि)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नोच्चय – सुमेरू पर्वत का अप रनाम Ratnoccaya-The other name of Sumeru Mountain
चतुर्विंशति पूजाविधान Name of a text of worship. चौबीसी पूजा विधान की एक किताब ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समय (आगम) – Samaya (Aagama). Literature describing right knowledge of all matters (Jiva, Ajiva etc). जिसके जीव अजीव आदि पदार्थों का भले प्रकार से ज्ञान हो या जिसमे जीव आदि पदार्थों का ठीक-ठीक वर्णन हो ऐसा आगम या सिद्वांत समय है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिग्रह – मन वचन काय की स्वछन्द प्रवृत्ति को सम्यक् प्रकार से रोकना। Yoganigraha-Controlling the activities related to mind speech & body
चतुश्र्चारित्रसिद्ध Those who have got salvation because of four super conducts. भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा ४ चारित्र से सिद्ध होने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]