मितसंभाषण!
मित संभाषण– Mit Smbhashan. Worthful speech, substantial speech. अनर्थक बहुप्रलाप रहित वचन मित है” अर्थात्सीमित, सारगर्भित वचन बोलना”
मित संभाषण– Mit Smbhashan. Worthful speech, substantial speech. अनर्थक बहुप्रलाप रहित वचन मित है” अर्थात्सीमित, सारगर्भित वचन बोलना”
मासिक धर्म– Masik Dharm. Menstruation (monthly impurity period of a woman). महीने से सम्बन्ध रखने वाली या प्रतिमास होने वाली स्त्रियों की प्राकृतिक अशुद्धि, जिसके कारण उसे पुष्पवती या रजस्वला कहते है”
सारसमुच्चय – Sarasamuccaya. Name of treastise written by Acharya Kulbhadra. आचार्य कुलभद्र (ई॰ 937) द्वारा रचित 328 श्लोकबद्ध एक तत्व प्रतिपादक ग्रथ ।
सावाजी – Savaji. A Marathi Poet, the writer of the tale of sugandh Dasmi. , एक मराठी कवि (ई॰ 1965) , सुगध दशमी कथा के रचयिता ।
मिथ्या अवधिज्ञान– Mithya Avdhigyan. False clairvoyance. कुअवधि या विभंग ज्ञान; जो ज्ञान मिथ्यात्व से सहित होने के कारण विपरीत स्वरुप है”
सामायिक चारित्र- Samayika charitra. Conduct of equanimity (One of the five conducts of saints). चारित्र के 5 भेदों में एक भेद । सर्व सावद्य सेवा योग से निवृत होना और सदा समता भाव रखना सामायिक चारित्र हेै। यह छठे से नौवें गुण स्थान तक होता है।
मार्जारसम–Maarjarasam. A type of bad listeners (to be unaffected). श्रोता के 14 भेदो में एक भेद; जो श्रोता बहुत प्रकार से समझाने पर भी बिलाव की तरह अपनी क्रूरता को भी ना छोड़े”
मित्रवीर्य– Mitrvirya. Name of main listener of Lord Sumatinath. सुमतिनाथ भगवान के मुख्य श्रोता का नाम”
मिथ्या कांत– Mithya Ekant. False viewism, partial exposition. अनेक धर्मात्मक वस्तु के किसी एक ही धर्म का कथन करके शेष सभी धर्मो का निषेध करना”