पौराणिक!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पौराणिक – Pauranika. Mythological, Mythical, Fabulous (pertaining to events etc.). इतिहास प्रसिध्द या पुराणों से संबध्द घटनाएं आदि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पौराणिक – Pauranika. Mythological, Mythical, Fabulous (pertaining to events etc.). इतिहास प्रसिध्द या पुराणों से संबध्द घटनाएं आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि बंध – Saadi Bandha. Rebinding of karmas. जिस कर्म प्रकृति के बन्ध का अभाव होकर पुनः बन्ध होता है वह सादिबन्धी प्रकृति कहलाती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुपुत्रक – Manuputraka. A kind of Vidyadhar dynasty. आर्य विद्याधरों की 8 उत्तर जातियों में एक जाति , जो मानस्तम्भ के निकट बैठते हैं , लाल वस्त्रों एवं मणियों के आभूषणों से युक्त होते हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरोपनिधा: A sequence related to gradation.श्रेणी प्ररूपणा-जहा पर दुगुणत्व और चतुर्गुणत्व आदि की परीक्षा की जाती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयदत्त – Vinayadatta. Name of a Acharya possessing knowledge of purvas (part of scriptural knowledge – Shrutgyan). मूलसंघ पट्टावली के अनुसार लोहाचार्य के पश्चात् हुए पूर्वधारी आचार्य ” समय – वी.नि. ५६५-५८५ “
तीर्थ दर्शन Paying reverence (in direct or indirect way) to place of pilgrimages. संयम की विराधना न करते हुए तत्पर मन से तीर्थ वंदना करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मविद्या – Brahmavidya. A book written by Acharya Mallishen. आचार्य मल्लिषेण (ई. ११२८ ) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == गुण : == गुणानामाश्रयो द्रव्यं, एकद्रव्याश्रिता गुणा:। लक्षणं पर्यवाणां तु, उभयोराश्रिता भवन्ति।। —समणसुत्त : ६६१ द्रव्य गुणों का आश्रय या आधार है। जो एक द्रव्य के आश्रय रहते हैं वे गुण हैं। पर्यायों का लक्षण द्रव्य व गुण, दोनों के आश्रित रहना है। णयरम्मि वण्णिदे जह ण वि,…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागर – Saagara. Ocean, sea, name of the main questioner in the assembly of Lord Ajitnath. समुद्र, मध्यलोक मे द्वीपांे का वेष्टित करते हुए एक के पीछे एक असंख्यात सागर है। तीर्थकर अजितनाथ का मुख्य प्रश्नकर्ता।
उष्माहार One of the figs – a fruit, not edible according to Jain philosophy . देखें-ओजाहार।[[श्रेणी:शब्दकोष]]