पंचमुष्ठी!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमुष्ठी – Panchamushthee. Fist. पांच उंगलियों से बनाई गई मुठ्ठी ” इस शब्द का उपयोग तीर्थंकरोंके केशलोंच संबधी विषय में किया जाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमुष्ठी – Panchamushthee. Fist. पांच उंगलियों से बनाई गई मुठ्ठी ” इस शब्द का उपयोग तीर्थंकरोंके केशलोंच संबधी विषय में किया जाता है “
फिलिप्स Father’s name of the great king, ‘Sikandar’. यूनान देश का राजा तथा सम्राट सिकन्दर का पिता । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जिनशासन : == मग्गो मग्गफलं ति य, दुविहं जिनसासणे समक्खादं। —मूलाचार : २०२ जिनशासन (आगम) में सिर्फ दो ही बातें बताई गई हैं—मार्ग और मार्ग का फल। जमल्लीणा जीवा, तरंति संसारसायरमणंतं। तं सव्वजीवसरणं, णंद्दु जिणसासणं सुइरं।। —समणसुत्त : २-१७ अनंत संसार—सागर को पार करने के लिए जीव जिसमें…
उपेक्षा संयम Restraint without attachment .वीतरागमय संयम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिरत्न Three jewels of Jaina religion- Right faith, Right knowledge & Right conduct. जैन धर्म के तीन रत्न , सम्यग्दर्शन , सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वस्तुग्राही नय – Vastugraahii Naya. A standpoint-accepting of partial knowledge of something. नय ;अनेकांतात्मक वस्तु के अंश को ग्रहण करना “
उरग A type of five sensed animal, Snake. पंचेन्द्रिय तिर्यंच का एक प्रकार सर्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्यक्त ज्ञायक शरीर The body left with renouncement. नोआगम द्रव्य कर्म का एक भेद कर्मस्वरूप के जानने वाले जीव का संन्यास रूप परिणामों से छोडा गया शरीर । यह तीन प्रकार का है- भक्तप्रत्याख्यान , इंगिनी व प्रायोपगमन। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसतिका – Vasatika.: Hermitage, staying place of saints. साधुओं के ठहरने का स्थान ” ध्यान – अध्ययन के योग्य निर्दोष शून्य स्थान ही उसके लिये उपयुक्त है “
तृतीय काल A type of particular time period (plentitude-cum-penury). सुषमा दुषमा काला, इसमें जघन्य भोगभूमि की व्यवरूथा होती है। , [[श्रेणी: शब्दकोष ]]