लौकिक सुख!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक सुख –Laukika Sukh: Worldly enjoyments or pleasures . सांसारिक विषय भोगों से प्राप्त होने वाला क्षणिक सुख “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक सुख –Laukika Sukh: Worldly enjoyments or pleasures . सांसारिक विषय भोगों से प्राप्त होने वाला क्षणिक सुख “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय आराधना – Nishchaya – Aaraadhanaa. Absolute spiritual prayer or meditation, Synonym word For Mokshamarga, the path of salvation. निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम ” मुनि अवस्था में सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र व तप एन चारों की आराधना व्यवहार आराधना है, इस व्यवहार आराधना के द्वारा आत्मा में एकाग्र परिणतिरूप ध्यान निश्चय आराधना है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविवीर्य – चक्रवर्ती भरतेष का पुत्र, इसने जयकुमार के साथ तीर्थकर र्वशभदेव से दीक्षा ली थी। Ravivirya-the son of Chakravarti (emperor) of Bhartesh
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शवशय्यासन तप – Shavasayyaasana Tapa. A kind of austerity, to lie like a corspe. कायाक्लेश तप का एक भेद; शव की तरह निश्चेष्ट सोना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगदु प्रणिधान – सामायिक षिक्षाव्रत का एक अतिचार, मन वचन काय की दुश्ट प्रवृत्ति। Yogaduhpranidhana-bad tendencies or attitude of one (an infraction of samayik)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीरी – Shareeree. Having to do with the body, A living creature. जीव संसारावस्था में शरीर सहित होने पर शरीरी कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यायु कर्म प्रकृति- Manushyaayu Karma Prakrti. Karmic nature causing human body. जिस कर्म के उदय से जीव मनुष्य देह में रहे “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तर गणना –Lokottara Gananaa The universal calculations ,super calculations . गणना प्रमाण के दो भेदों में एक भेद ;द्रव्य ,क्षेत्र ,काल ,भाव इसके 4 भेद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रायचन्द्र – षताविधानि एक चिद्वान श्रावक गुजरात में पंचाण भाई मेहता के पुत्र। आपको जति स्मरण था। महात्मा गांधी जी धर्मक्ष्रेत्र में अपना मार्गदर्षक मानते हैं। अपरनाम श्रीरामचंन्द्र। Rayacamdra-The other name of ‘Shrimad rajchandra’, who was the son of ‘Panchanbhai Mehta’ & spiritual guide of ‘Mahatma Gandhi’