वेदना भय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदना भय –VedanaBhaya One of the seven fears (of bodily painful suffering). सप्त भयों में एक भय, शारीर में रोग होने का भय रहना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदना भय –VedanaBhaya One of the seven fears (of bodily painful suffering). सप्त भयों में एक भय, शारीर में रोग होने का भय रहना “
उत्तरगुण Secondary virtues of saints. मूलगुणों के अतिरिक्त पाले जाने वाले गुण उततरगुण कहलाते हैं। जैसे-मुनियों के 84 लाख गुण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दीक्षा गुरू Preceptor (a spiritual teacher) granting initiation. दीक्षा देने वाले गुरू । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर भेद विज्ञान – Svapara Bheda Vijnaaana. Pertaining to great spiritual knowledge (discriminating self & others).भेद ज्ञान। आत्मतत्त्व का ज्ञान तथा आत्मद्रव्य से विपरीत तत्वो का ज्ञान।
जयराशि A great person, the writer of ‘Tatvopaplava Simgh’. ई. ७२५-८२५ ‘ तत्वोपत्लव सिंह’ के कर्ता एक नैयायिक विद्वान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == गणवासी : == पथ्यं हृदयानिष्टमपि, भणमानस्य स्वगणवासिन:। कटुकमिवौषधं तत् , मघुरविपावंâ भवति तस्य।। —समणसुत्त : ९४ अपने गणवासी (साथी) द्वारा कही हुई हितकर बात, भले ही मन को प्रिय न लगे, कटुक औषध की भाँति परिणाम में मधुर ही होती है।
उदयभावी क्षय Destruction of karmas without their fruition. बिना फल दिये आत्मा से कर्मों का संबंध छूट जान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जयदेव Name of the 6th pre-destined Tirthankar (Jaina Lord). जयसेन प्रतिष्ठा पाठ जके अनुसार छठवें भविष्यत्कालीन तीर्थंकर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलसंघ–Mulasangh. An ancient group of Digambar Jain saints (associated after the salvation of Lord Mahavira). दिगम्बर जैनसाधुओका प्राचीन संघ; जिनके आचार्यो की पट्टावली में प्रथम श्री कुन्दकुन्द आचार्य का नाम लिया जाता है”
जयंतिकी Name of a female divinity resident of Ruchak mountain. रूचक पर्वत निवासिनी एक दिक्कुमारी महत्तरिका।[[श्रेणी:शब्दकोष]]