मुक्त जीव!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्त जीव–Mukta jeev. Liberated soul. मोक्ष को प्राप्त जीव”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्त जीव–Mukta jeev. Liberated soul. मोक्ष को प्राप्त जीव”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकलन व्यवहार – Sankalana Vyavahaara. A mathematical operation, Integration. श्रेणी व्यवहार गणित; दो चार राशियों तक सीमित न रखकर धारावाही रूप से जोड़ना अर्थात् समान वृद्धि को लिये अनेक अंको की लम्बी धारा या श्रेणी में यह गणित काम आता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रेत्य भाव- मकर फिर किसी शरीर में जन्म लेना। Pretya bhava- Taking rebirth
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामकथा – आचार्य कीर्तिधर द्वारा विरचित जैन रामायण।इसके आधार पर रविशेणाचार्य ने पùपुराण व स्वंयभु कवि ने पउमचरिउ लिखे है। Ramakatha-A religious book (Jaina Ramayan) written by Acharya Kirtidhar
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षष्ठीव्रत – Sastheevrata. A particular & procedural vow (fasting) to be observed for six years. 6 वर्ष तक प्रतिवर्ष श्रावण शु. 6 के दिन उपवास करना एवं ‘ओं ह्रीं श्री नेमिनाथाय नमः’ मंत्र का त्रिकाल जाप करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रियदर्शन – महोरग नामा जाति व्यन्तर देवों का एक भेद, सुमेरु पर्वत का अपरनाम, उत्तरधातकी-खण्डद्वीप का रक्षक देव। Priyadarsana- A type of peripatetic deities, other name of sumeru mountain, protecting deity of Uttardhat kikhand dvip (island)
फलाकांक्षा Desire for getting worldly results. अनशन आदि में इहलौकिक फल की इच्छा रखाना । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षड्गुण हानि वृद्धि – Sadguna Haani Vrddhi. Finite or infinite increase and decrease (related to indivisible particles etc.) अनंत भागवृद्धि, असंख्यात भाग वृद्धि, संख्यात भाग वृद्धि, संख्यात गुण वृद्धि, असंख्यात गुणवृद्धि, अनंत गुण वृद्धि ” अनंत भाग हानि, असंख्यात भाग हानि, संख्यात भाग हानि, संख्यात गुण हानि, असंख्यात गुण हानि, अनंत गुण हानि “
त्रैविद्य विश्वेश्वर A learned person of Dravid sangh (group) etc. द्रविड संघ के एक विद्वान का नाम । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षट्काय – Satkaaya. Six kinds of body forms of living beings. त्रस तथा पृथिव, जल, वायु, अग्नि और वनास्पतिकाय के जीव “