सादि बंध!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि बंध – Saadi Bandha. Rebinding of karmas. जिस कर्म प्रकृति के बन्ध का अभाव होकर पुनः बन्ध होता है वह सादिबन्धी प्रकृति कहलाती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि बंध – Saadi Bandha. Rebinding of karmas. जिस कर्म प्रकृति के बन्ध का अभाव होकर पुनः बन्ध होता है वह सादिबन्धी प्रकृति कहलाती है।
उपरिमग्रैवेयक An upper most spatial region of a Graiveyaks. 9 गैवेयक में ऊपर के 3 सुमनस, सोमनस, प्रीतिंकर विमान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपपत्ति Evolution, Origination, Demonstration. आविर्भाव कारण हेतु प्राप्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तीर्थ दर्शन Paying reverence (in direct or indirect way) to place of pilgrimages. संयम की विराधना न करते हुए तत्पर मन से तीर्थ वंदना करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपकल्कि Rebellious kings who act against religion. अवसर्पिणी के पंचम काल में प्रत्येक एक हजार वर्ष के बाद एक-एक कल्की तथा 500 वर्ष के बाद एक-एक उपकल्की जन्म लेता है ये धर्मद्रोही राजा होते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागर – Saagara. Ocean, sea, name of the main questioner in the assembly of Lord Ajitnath. समुद्र, मध्यलोक मे द्वीपांे का वेष्टित करते हुए एक के पीछे एक असंख्यात सागर है। तीर्थकर अजितनाथ का मुख्य प्रश्नकर्ता।
उष्माहार One of the figs – a fruit, not edible according to Jain philosophy . देखें-ओजाहार।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उन्मुख Raising the face, Looking upwards, Name of 9th Narad (a sage) of present era. चेहरा उठाना ऊपर देखना नवम नारद-इनकी आयु कृष्ण के बराबर एक हजार वर्ष की थी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उष्ट्रकूट श्रेणी Camel back range . ऊँट की पीठ की तरह प्रदेशों की निषेक रचना को उष्ट्रकूट श्रेणी कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपकरण बकुश A kind of saints having attachment in their articles. बकुश मुनि का एक भेद जिन साधुओं की आसक्ति पिच्छी कमंडलु शास्त्र आदि उपकरण की शोभा बढ़ाने में होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]