धर्मसागर स्वामी (सिंहसंघ)!
धर्मसागर स्वामी (सिंहसंघ) A writer who wrote ‘Jeev Vichar’, Saptatatvi etc. books. जीव विचार, सप्ततत्वी, नयचक्र, नवपदार्थी, द्रव्यचक्र आदि के कर्ता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मसागर स्वामी (सिंहसंघ) A writer who wrote ‘Jeev Vichar’, Saptatatvi etc. books. जीव विचार, सप्ततत्वी, नयचक्र, नवपदार्थी, द्रव्यचक्र आदि के कर्ता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्ममित्रार्य A king who got salvation with Bharat Chakravarti. भरत चक्रवर्ती के साथ दीक्षित तथा निर्वांण प्राप्त एक नपृ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आहारक काय योग Vibration in soul-points while translocation of Aharak Sharir. आहारक शरीर के काम करते हुए जो आत्मा के प्रदेश सकंप होते हैं उसे आहारक काय योग कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रहस्पति – Brhaspati. Name of a planet , A day of a week , The pre-ceptor of deities. एक ग्रह का नाम ” सप्ताह के एक दिन (वार ) का नाम, काव्य में कवियों ने ब्रहस्पति को देवों का गुरु कहा हैं जैसे – कस्ते क्षम: सुरगुरुप्रतिमोपि बुद्ध्या’ , जबकि तिलोंयपणत्ति आदि…
धर्मद्रव्य Medium of motion of Jiva & Pudgal, one of the six entities (matters). 6 द्रव्यों में एक द्रव्य; जो जीव व पुद्गल के गमन में सहायक, अचेतन एंव अरूपी है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विकल्प – Nirvikalpa. Free from all confusions, fixed, setteld. विकल्पों से रहित “
धराधर A city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आर्यासूत्र The Sutras in Aryachhand of Kashay Pahud. आर्या छन्द में निषद्ध कषाय पाहुड़ के गाथा सूत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वाण भूमि – Nirvaana Bhumi. Holy place of salvation. सिद्धक्षेत्र; जहाँ से तीर्थंकर व सामान्य केवली मोक्ष गए हों” जैसे – कैलाशपर्वत, सम्मेदशिखर जी, चम्पापुर, गिरनार, पावापुरी इत्यादी “
धनुष A bow, an area unit. क्षेत्र का एक प्रमाण (4 हाथ का एक धनुष) । दण्ड , युग, मूसल, नाली, ये अपरनाम हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]